मैं न बदला
हज़ार कोशिशों के बाद...
मैं इंसान होता
तो बदलता,..
तेरे विचारों से उतपन्न
मै भाव हूं
मैं कहा मरा,.
करता स्थान परिवर्तन,..
आत्मा मरकर
देह बदले
मैं बदलता
विचार परिवर्तन,..
मैं नही अकेला,..
सब मेरे साथी
सहजता से
मुझ बिन किसी को
नींद न आती
मैं हर जीव का साथी
मैं मरता
तो दुनिया ही
स्वर्ग न हों जाती ?
०
No comments:
Post a Comment