क्या घण्टे मंजीरे
बजाते रह जाओगे,..?
या धर्म रक्षा को
कभी शस्त्र भी उठाओगे,
राम कथा हो या कृष्ण कथा
तू उनका सार बता
आज के रावण,कंस के वध को
तू भी कदम उठा,..
नही मिटेगी हस्ती तेरी
तू ये ख़्वाब भूल जा,..
सच जानने की इच्छा है..?
तो तू इतिहास उठा,..
सुकड़ कर रह गया
हरिहर देश तेरा
जो बचा उसे बचा,..
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