क्या दाद दे,..
दुनिया बनाने वाले की,..
दर्द है तो दवा हैं
दवा काम न करें
तो दुआ हैं
ये हैं तब तमाशा,..
जब सब मे
ख़ुद छुपा हैं,...
कही छपा हैं
कही छुपा हैं
अजीबोगरीब सब,..
क्या उससे छुपा है
कहा तमाशबीनो
का खेल,..
बस फ़क़ीरी में
वो फ़क़ीर हुआ है
वही हँसी हैं
वही गमगीन,..
वो
अज़ब पहेली बना
ख़ुद ही तमाशबीन